कहीं एक उम्मीद सी है
दिल के किसी झंरोखे से चुप चाप
चली आती है सांस बनकर
सिसकियाँ उभार लाती है
मरने नहीं देती
ज़िन्दगी जलाती है हर लम्हा
हर ख्वाब जलकर राख होने को है
कहीं से फिर आता है एक हवा का झोंका
काले शोलों को पीला कर जाता है
एक चिंगारी कहीं खोने नहीं पाती
कहीं एक सपना सा है
अचानक चौंका देता है
हरकत सी होती है
नीली पड़ती नसें, सफ़ेद हथेलियाँ
चली आती है सांस बनकर
सिसकियाँ उभार लाती है
मरने नहीं देती
ज़िन्दगी जलाती है हर लम्हा
हर ख्वाब जलकर राख होने को है
कहीं से फिर आता है एक हवा का झोंका
काले शोलों को पीला कर जाता है
एक चिंगारी कहीं खोने नहीं पाती
कहीं एक सपना सा है
अचानक चौंका देता है
हरकत सी होती है
नीली पड़ती नसें, सफ़ेद हथेलियाँ
चल पड़ती हैं, सुर्ख़ी खोने नहीं पातीं
I had written and posted it somewhere else before in Oct'10.
8 comments:
I have always lived on hope...
Zindagi khoobsoorat toh nahin, phir bhii zindagi khoobsoorat toh hai.. yesh sach hai..
I loved your words ... " Most romantic relations are the ones which the world remains oblivious to.."
Excellent.. Liked the oath on the top of your page..many a time gets miserably misinterpreted..
Thank you so much sir.... hope I haven't misinterpreted the oath... or fail in living it... I knew you'd like the oath :)
Regards
you just described what i always feel!!
Ramesh sood sir said : "I have always lived on hope...
Zindagi khoobsoorat toh nahin, phir bhii zindagi khoobsoorat toh hai.. yesh sach hai..
I loved your words ... " Most romantic relations are the ones which the world remains oblivious to.."
Excellent.. Liked the oath on the top of your page..many a time gets miserably misinterpreted.. "
@ Ramesh sir: Thank you so much sir.... hope I haven't misinterpreted the oath... or fail in living it... I knew you'd like the oath :)
Regards
@ Saumya : This is all we have that keeps us going.. isn't it dear... thanks for the visit and letting me know that you shared the feeling
Take care :)
कहीं से फिर आता है एक हवा का झोंका
काले शोलों को पीला कर जाता है
एक चिंगारी कहीं खोने नहीं पाती
मै अपनी लाइफ में इसको अवोइड करने की कोशिश करता हूँ. क्योकि आजतक मै अपने १% भी सपने पूरे नहीं कर पाया. बुडापा आने को है.
@Bhagat Singh Panthi जी :
उम्मीद को अवोइड नहीं करना चाहिए I उम्मीद ही तो जीवन का सहारा है ... जब तक हम जी रहे हैं ज़िन्दगी ख़त्म नहीं हुई है और सारी कड़वी यादों को भुलाने के सच्ची ख़ुशी के चार पल भी काफी होते है I धीरज रखिये पता नहीं कब किसी एक पल में आपको, आपके बाकी ९९ % सपने न सही, अपनी ज़िन्दगी पूरी होती दिखाई दे ... :) :)
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